मुख्यमंत्री चिरंजीवी स्वास्थ्य बीमा योजना

 

मुख्यमंत्री चिरंजीवी स्वास्थ्य बीमा योजना-आमजन को मिले अधिक सुविधा, इसके लिए किडनी ट्रांसप्लांट की दर और पैकेज में हुई बढ़ोतरी
चिरंजीवी स्वास्थय बीमा योजना


  आम जनता के हित और सुविधा को देखते हुए मुख्यमंत्री श्री अशोक गहलोत ने चिरंजीवी योजना में किडनी ट्रांसप्लांट की दर और पैकेजज में बढ़ोतरी कर दी है। विभिन्न अस्पतालो और जिला प्रशासन से किडनी ट्रांसप्लांन्ट में दर को बढ़ाने के सुझाव मिल रहे थे जिसे अब लागू करने के आदेश विभाग द्वारा जारी किए गए है। चिरंजीवी योजना में अब किडनी ट्रांसप्लांट की राशि 3 लाख 62 हजार 918 रूपये से बढ़ाकर 6 लाख 13 हजार 823 रूपये कर दी गई है, साथ ही किडनी ट्रांसप्लांट से जुड़े पैकेज में फ़ॉलोअप और सुविधा हेतु एक नया पैकेज भी जोड़ा गया है। इसके जुड़ने से किडनी ट्रांसप्लांट में पैकेज की संख्या 5 से बढ़कर 6 हो गई है। इस बढ़ी हुई दर और नए पैकेज से अस्पताल मरीजों का और बेहतर ढंग से इलाज कर पायेंगे जिससे मरीजों को इस महंगे और मुश्किल ऑपरेशन में कोई समस्या नहीं आएगी। अब तक चिरंजीवी योजना में 58 मरीजों का सफलतापूर्वक निशुल्क किडनी ट्रांसप्लांट किया जा चुका है। योजना के तहत अब किडनी ट्रांसप्लांट के अंतर्गत सर्जरी (including donor nephrectomy) की पैकेज दर को 2 लाख 15 हजार 595 से बढ़ाकर 3 लाख 19 हजार 500 कर दिया गया है। Renal Transplant-Induction के लिए बनाये पैकेज में एक लाख 47 हजार 323 रूपये का लाभ मरीज को मिल पाएगा। ट्रांसप्लांट के बाद मरीज की बेहतर देखभाल के लिए एक साल तक चलने वाले दवाईयो के लिए तीन पैकेज में एक लाख 40 हजार रूपये का प्रावधान किया गया है। इसके अलावा एक लाख 47 हजार राशि काRenal Transplant-Intervention for acute rejection/post transplant complications (BIOPSY PROVEN) नया पैकेज बनाया गया है। इन नये प्रावधानो से योजना के अंतर्गत किडनी ट्रांसप्लांट में मरीजों को और ज्यादा सुविधाएं मिल पाएंगी। चिरंजीवी योजना के अंतर्गत अब तक 2 हजार 200 करोड़ रूपये की राशि से 18 लाख से अधिक मरीजों का निशुल्क इलाज किया जा चुका है।




मुख्यमंत्री चिरंजीवी स्वास्थ्य बीमा योजना में आमजन के रूझान से लगातार बढ़ रही पंजीकरण संख्या को देखते हुए योजना में पुनः एवं नवीन पंजीकरण की समय सीमा 31 मई तक बढ़ाने का फैसला किया है। चिरंजीवी योजना में जुड़ने वाले परिवारों को 10 लाख रूपये का स्वास्थ्य बीमा (Health Insurance) 5 लाख रूपये का दुर्घटना बीमा (Accidental Insurance)  एवं परिवार की महिला मुखिया को मुख्यमंत्री डिजिटल सेवा योजना के तहत तीन साल की इंटरनेट कनेक्टिविटी के साथ स्मार्टफोन मिलेगा। हमारा उद्देश्य है कि प्रदेश का हर परिवार चिरंजीवी योजना से जुडे़ जिससे कभी बीमार होने या दुर्घटना होने पर परिवार को बडे़ आर्थिक खर्च की चिंता ना रहे।
चिरंजीवी बीमा योजना से वँचित हो रहा है सीमावर्ती क्षेत्र, पूर्व विधायक न्याँगली ने लिखा सीएम को पत्र

चिरंजीवी स्वास्थय बीमा योजना से वँचित हो रहे प्रदेश के सीमावर्ती क्षेत्र के आमजन की समस्या के समाधान हेतु पूर्व विधायक मनोज न्याँगली ने मुख्यमंत्री को पत्र लिखा है। मुख्यमंत्री को प्रेषित ज्ञापन में उन्होंने आरोप लगाया कि चूरू सहित प्रदेश के सभी सीमावर्ती जिलों में चिकित्सा सुविधाओं का पूर्णत: अभाव है, इन इलाकों के लोगों को हरियाणा सहित परस्पर नजदीकी अन्य राज्यों के अस्पतालों में जाकर खुद के खर्चे पर ईलाज करवाना पड़ता है। नजदीकी राज्यों के ये अस्पताल प्रधानमंत्री आयुष्मान स्वास्थ्य बीमा योजना में तो शामिल हैं। लेकिन राजस्थान सरकार द्वारा संचालित मुख्यमंत्री चिरंजीवी स्वास्थ्य बीमा योजना में शामिल नहीं हैं। सीमावर्ती इलाके की सैकड़ों किलोमीटर दूरी की वजह से आपातकालीन स्थिति में जयपुर स्थित बड़े अस्पतालों में पहुंचकर ईलाज करवाना असम्भव है। जिससे राजस्थान के सीमावर्ती जिलों के मूलनिवासी लोगों को न केंद्र सरकार की योजना का लाभ मिल पा रहा है और ना ही राजस्थान सरकार की स्वास्थ्य बीमा योजना का लाभ मिल पा रहा है। प्रदेश के मुख्यमंत्री को प्रेषित ज्ञापन में उन्होंने नजदीकी इलाके से लगते अन्य राज्यों के आयुष्मान योजना में शामिल प्रतिष्ठित अस्पतालों को मुख्यमंत्री चिरंजीवी स्वास्थ्य बीमा योजना में शामिल करने की मांग की है ताकि सीमावर्ती जिलों के आमजन को प्रदेश सरकार की स्वास्थ्य बीमा योजना का वास्तविक अर्थ में लाभ मिल सके। 

भरतपुर मुख्यमंत्री चिरंजीवी दुर्घटना बीमा योजना में मिली 05 लाख की सहायता

 मुख्यमंत्री चिरंजीवी दुर्घटना बीमा योजना के तहत भरतपुर जिले की ग्राम निगोही तहसील डीग निवासी श्रीमती गुडिया को राज्य सरकार द्वारा 05 लाख रूपये की सहायता स्वीकृत की गई है। श्रीमती गुडिया के पति श्री रामवीर सिंह का 17 मई 2022 को सड़क दुर्घटना में निधन हो गया था। पीडित परिवार मुख्यमंत्री चिरंजीवी स्वास्थ्य बीमा योजना के तहत पंजीकृत था तथा उसके द्वारा निर्धारित समयावधि में ऑनलाईन दावा प्रपत्र प्रस्तुत कर दिया गया था। राज्य सरकार द्वारा उक्त योजना में जारी की गई यह जिले की किसी पीडित परिवार को दी जाने वाली प्रथम स्वीकृति है। जिला कलक्टर श्री आलोक रंजन ने उक्त जानकारी देते हुए बताया कि राज्य के मुख्यमंत्री द्वारा आम जनता को निःशुल्क ईलाज उपलब्ध कराने हेतु राज्य में मुख्यमंत्री चिरंजीवी स्वास्थ्य बीमा योजना लागू की गई है। इस योजना के तहत 10 लाख रूपये तक का इलाज एवं दुर्घटना अथवा स्थाई शारीरिक अपंगता की स्थिति में 1.50 लाख से 05 लाख तक के दुर्घटना बीमा का लाभ प्रदान किया जाता है। जिला कलक्टर ने जिले के सभी नागरिकों से अपील की है कि जिन लोगों ने अभी तक मुख्यमंत्री चिरंजीवी दुर्घटना बीमा योजना में अपना पंजीकरण नहीं कराया है, वे जन आधार कार्ड के माध्यम अपना पंजीयन करा ले ताकि बीमारी अथवा दुर्घटना की स्थिति में उक्त योजना का लाभ प्राप्त कर सके। जिला कलक्टर ने सभी सरकारी कार्मिकों एवं जनप्रतिनिधियों से भी अपील की है कि वे सम्पर्क में आने वाले सभी व्यक्तियों को इस योजना से होने वाले लाभों के बारे में अवगत कराते हुए अधिक से अधिक पंजीयन कराने के लिये प्रेरित करें । -----------------

फोटो-15 मुख्यमंत्री चिरंजीवी स्वास्थ्य बीमा योजना से वँचित हो रहे प्रदेश के सीमावर्ती क्षेत्र के आमजन की समस्या के समाधान हेतु लोगो का प्रयास
चिरंजीवी योजना में प्रति परिवार 10 लाख रुपये के स्वास्थ्य बीमा के साथ-साथ अंग प्रत्यारोपण (ऑर्गन ट्रांसप्लांट), बोनमैरो ट्रांसप्लांट, कॉक्युलर इंप्लांट, ब्लड-प्लेटलेट्स-प्लाज्मा ट्रांसफ्यूजन एवं लिम्ब प्रोस्थेसिस की सुविधा उपलब्ध करवाई जा रही है। सबसे खास बात ये है कि चिरंजीवी योजना में शामिल 10 लाख रुपये की सीमा को ट्रांसप्लांट के लिए उपयोग में नहीं लिया जाता है। ट्रांसप्लांट की सारी राशि राज्य सरकार द्वारा वहन की जाती है। यानी ट्रांसप्लांट की लागत चिंरजीवी योजना की वॉलेट राशि में शामिल नहीं है। मुझे यह बताते हुए खुशी है कि चिरंजीवी स्वास्थ्य बीमा योजना में इस वर्ष बजट घोषणा में अंग प्रत्यारोपण  (ऑर्गन ट्रांसप्लांट) के पैकेज शामिल करने के बाद से अब तक (गत 3 माह में) 4 बोनमैरो ट्रांसप्लांट, 58 अंग प्रत्यारोपण (हार्ट, किडनी, लिवर सहित) एवं 18 कॉक्युलर इंप्लांट  सफलतापूर्वक निशुल्क हो चुके हैं। यह इन सभी मरीजों के लिए नए जीवन के समान है। राजस्थान स्वास्थ्य के क्षेत्र में दुनिया के सामने एक मॉडल बन गया है। मेरा विनम्र निवेदन है कि हम अधिक से अधिक लोगों को चिंरजीवी योजना की जानकारी देकर उन्हें एवं उनके परिजनों को "चिंरजीवी परिवार" बनाने का प्रयास करें जिससे कभी आवश्यकता पड़ने पर उन्हें शारीरिक के साथ आर्थिक परेशानी ना हो।

योजनार्न्तगत पंजीकरण प्रक्रिया

योजनार्न्तगत पंजीकरण कराने की प्रक्रियाः योजनार्न्तगत लाभ लेने के लिए लाभार्थी को योजना में पंजीकरण करवाना होगा जो दिनांक 1 अप्रेल 2021 से आरंभ किया जा चुका है। श्रेणीवार पंजीयन कराने हेतु प्रक्रिया निम्नानुसार है-

 1.       निःशुल्क लाभ प्राप्त करने वाली श्रेणी हेतु पंजीयन प्रक्रिया-

1.1     खाद्य सुरक्षा अधिनियम के अर्न्तगत पात्र परिवार एवं सामाजिक आर्थिक जनगणना 2011 के पात्र परिवार योजनार्न्तगत पूर्व में ही लाभान्वित है। अतः इन्हे पंजीकरण की आवश्यकता नहीं है।

1.2     लाभार्थी को योजना के रजिस्ट्रेशन पोर्टल पर पंजीकरण करवाना आवश्यक होगा जिसका लिंक योजना की अधिकारिक वैबसाइट  https://chiranjeevi.rajasthan.gov.in पर उपलब्ध है। पंजीकरण के लिए लाभार्थी ऑनलाइन अपनी एसएसओ आईडी अथवा ई मित्र केन्द्र पर जाकर पंजीयन करवा सकते है।

1.3     रजिस्ट्रेशन हेतु लाभार्थी के पास जनआधार कार्ड/ जनआधार कार्ड नम्बर/जनआधार कार्ड की पंजीयन रसीद का नम्बर एवं आधार कार्ड नम्बर होना आवश्यक है।

1.4     पंजीकरण से पूर्व आवेदनकर्ता का आधारकार्ड में दर्ज मोबाइल नम्बर पर ओ.टी.पी. के माध्यम से ई-प्रमाणीकरण किया जायेगा जिसके लिए आवेदनकर्ता का आधार कार्ड/ आधार कार्ड का नम्बर होना आवश्यक है।

1.5     संविदाकार्मिको के योजना में पंजीकरण के आवदेन को सम्बन्धित विभाग के नोडल अधिकारी द्वारा ऑनलाइन सत्यापित किया जायेगा एवं नियमित रूप से अपडेट किया जायेगा।

1.6     लघु एवं सीमान्त कृषक जो जनआधार कार्ड से जुडे हुए नही हैवें ई-मित्र के माध्यम से जनआधार पोर्टल पर निर्धारित प्रक्रिया अनुसार जनआधार कार्ड में Land Holding की सीडींग करवा सकेंगे। सीडींग के उपरांत परिवार को योजना के उपरोक्त रजिस्ट्रेशन पोर्टल पर स्वयं ऑनलाइन/ई-मित्र के माध्यम से पंजीकरण करवाया जा सकेगा।

1.7     सफल पंजीकरण के बाद लाभार्थी पॉलिसी डॉक्यूमेंट प्रिंट ले सकेंगे।

 

2.       रू 850/-प्रति परिवार प्रति वर्ष का भुगतान कर लाभ प्राप्त करने वाली श्रेणीः-

2.1         लाभार्थी को योजना के रजिस्ट्रेशन पोर्टल पर स्वयं ऑनलाइन अथवा ई मित्र के माध्यम से पंजीकरण करवाना आवश्यक होगा। इन लाभार्थियों द्वारा 850 रूपये प्रति परिवार प्रति वर्ष प्रीमियम राशि के रूप में सम्बन्धित ई मित्र केन्द्र को अथवा डिजिटल पैमेन्ट मोड से भुगतान करना होगा। सफल पंजीकरण के बाद लाभार्थी पॉलिसी डॉक्यूमेंट प्रिंट कर पायेंगे।

2.2        ई-मित्र अथवा स्वयं द्वारा योजनार्न्तगत पंजीयन की चरणवार विस्तृत प्रक्रिया योजना की वैबसाइट https://chiranjeevi.rajasthan.gov.in/ पर उपलब्ध है।

2.3       पंजीयन शुल्कः दोनो श्रेणी के लाभार्थियों को ई मित्र केन्द्र पर किसी भी प्रकार के शुल्क का भुगतान नहीं करना है। पंजीकरण हेतु सफल आवेदन का शुल्कप्रीमियम जमा शुल्क एवं प्री प्रिन्टेड़ कागज पर पॉलिसी दस्तावेज के प्रिंट का शुल्क राज्य सरकार द्वारा वहन किया जायेगा।

योजनार्न्तगत लाभ लेने की प्रक्रिया

योजनार्न्तगत लाभ लेने की प्रक्रिया- योजना में निःशुल्क उपचार का लाभ लेने के लिए निम्न चरणों की  पालना की जायेगी-

·      पात्र परिवार की पहचानः- पात्र परिवार की पहचान जन-आधार कार्ड नम्बर/जन-आधार ईआईडी/ पॉलीसी दस्तावेज/आधार कार्ड के माध्यम से ही की जायेगी। अतः मरीज को अस्पताल में भर्ती के समय ही योजना के काउन्टर पर उपस्थित स्वास्थ्य मार्गदर्शक को उक्त जानकारी प्रदान करें ताकि परिवार की पात्रता सुनिश्चित की जा सके।

·      लाभार्थी की पहचान- परिवार की पात्रता सुनिश्चित होने के बाद मरीज की पात्रता की जांच की जायेगी। इसके लिए सॉफ्टवेयर में जन-आधार कार्ड का नम्बर अथवा पंजीयन नम्बर डालने पर परिवार की श्रेणी एवं सदस्यों का विवरण सॉफ्टवेयर में प्रदर्शित होगाजिसमें से मरीज को चिन्ह्ति किया जाकर मरीज का बायोमैट्रिक वेरिफिकेशन किया जायेगा। मरीज के अस्पताल में भर्ती एवं डिस्चार्ज के समय वैब कैमरा के सामने लाइव फोटो लिया जायेगा।

योजना के सॉफ्टवेयर में योजनार्न्तगत चयनित श्रेणी एवं परिवार के सदस्य का विवरण प्रदर्शित होने पर ही मरीज को योजना में लाभ दिया जा सकेगा।

·      योजना में उपलब्ध पैकेज के अनुसार मरीज का इलाज प्रारंभ किया जायेगा।

·      एक वर्ष तक के बच्चे के ईलाज के सम्बन्ध में प्रावधानः-योजना के अन्तर्गत पात्र परिवार के जन-आधार कार्ड के विवरण में नाम सम्मलित नहीं होते हुए भी उस परिवार के एक वर्ष तक आयु के बच्चे को योजना के अन्तर्गत ईलाज देने का प्रावधान रखा गया है। इसके लिए जन-आधार कार्ड में दर्ज परिवार के किसी भी उपलब्ध सदस्य के नाम से बच्चे की टीआईडी जनरेट कर ईलाज दिया जा सकता है।

एक वर्ष से अधिक उम्र के बालक का नाम यदि जन-आधार कार्ड में नहीं है तो योजनान्तर्गत उस बालक का इलाज किया जाना सम्भव नहीं है। (ऐसी स्थिति में परिवार को सलाह दी जानी चाहिए कि बालक का नाम जन-आधार में किसी भी ई-मित्र केन्द्र पर जन्म के दस्तावेज प्रस्तुत कर जुडवाया जा सकता है) परन्तु योजना के अन्तर्गत निःशुल्क इलाज जन-आधार कार्ड में नाम जुडने के पश्चात ही किया जा सकेगा।

·      05 वर्ष तक के बालक के ईलाज के सम्बन्ध में प्रावधानः- पांच वर्ष तक की आयु के बच्चे के ईलाज के लिए बायोमैट्रिक वेरिफिकेशन एवं फोटो पहचान पत्र प्रस्तुत करना अनिवार्य नहीं है। परिवार पहचान पत्र में जुडे परिवार के किसी अन्य सदस्य के बायोमेट्रिक वेरिफिकेशन द्वारा बच्चे की टीआईडी जनरेट की जा सकती है।

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