facebook -tiktok-which is best- social site

Facebook or TikTokफेसबुक या टिक टॉक 

क्या फेसबुक पर टिकटॉक भारी है are facebook defeat tiktok


  • विश्व की famous social site और tiktok के बारे में आपने सुना होगा परन्तु इन दिनों एक चर्चा है कि टिक टॉक ने अपने user को बेहतर सुबिधाये देकर फेसबुक के माथे पर चिंता की लकीरे खीच दी है वैसे इस पुरे मैटर को समझाने से पहले हमे समझाना होगा कि फेसबुक की सुविधाए क्या है facebook के सीईओ mark jukerburg और और सहयोगियों के बीच टिक टॉक की लोकप्रियता को लेकर और  कंपनी के भविष्य को लेकर हाल में हुई कुछ बातचीत सामने आई हैं। सूत्रों के हवाले से प्रकाशित इस रिपोर्ट में यूं तो कई दिलचस्प बातें हैंलेकिन इन्हीं में से बातचीत का एक मुद्दा tiktok को लेकर मार्क जकरबर्ग की चिंता है। साथ ही इसका भी जिक्र है कि भारत इसमें कितनी बड़ी भूमिका निभाता है। यहां हम आपको टिक टॉक  को लेकर फेसबुक  की वाढती चिंता के बारे में बताने से पहले फेसबुक के गुण दोषों पर चर्चा करेंगे यहाँ कुछ प्रश्न है जिनका जबाब एक साथ दिया जायेगा 

  • are facebook video tags visible can facebook account be deleted
    can facebook deleted messages be retrieved,can facebook messenger calls be recordedcan facebook give oportuninit to entertainment 

यहाँ सभी प्रश्नों के जबाब  जबाब ना तो नहीं है परन्तु हाँ भी नहीं है मतलब एक सामान्य मानव इन सबके बारे में नहीं जानता है 
टिक टॉक 2017 में ही लांच हुआ एक ios andriod app है जिस पर वीडियो एवं text simply अपलोड किये जा सकते फेसबुक की कुछ बंदिश भी है जबकि टिक टॉक में किसी भी प्रकार की बंदिश नहीं है हाल ही सर्वे से यह स्पष्ट हुआ है की चीन और भारत की आवादी का रुझान टिक टॉक की तरफ बढा है जो बास्तविक रूप से विश्व की आधी आवादी है जिस पर फेसबुक द्वारा चिंता जताया जाना लाजमी भी है फेस book के सीओ द्वारा कहा गया है की शीघ्र ही हम इस संबंध में कोई ठोस कारवाही करेंगे 
फ़िलहाल कुछ भी कहना जल्द्वाजी होगी परन्तु इतना तो निश्चित है कि अब सोशल मीडिया पर फेसबुक का एकाधिकार नहीं रहा क्यूंकि तकनिकी में सभी का हिस्सा होता है जो अच्छा करेगा लोग उसी के साथ हो जायेंगे देखते रहिये की कितनी जल्दी फेस अपने नए फीचर लांच करता है फेसबुक पर सामान्य रूप से पहले की 

तरह जुडाव धीरे धीरे कम होता जा रहा है क्योंकि लोग इस समय किसी भी नवाचार को छोड़ कर जाने के मूड में नजर नहीं आ रहे है आज तक लोगों का रुझान नवाचारों से पहले पुरानें संस्थान में जुड़े हुए रहना था परन्तु अब एसा नहीं है

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