Who is she a real ghost story
बात उन दिनों की है जब मैं गुजरात के शहर सूरत में रहता था मेरे पिता सूरत में ठेकेदारी का काम करते थे मुझे सूरत में किराना की दुकान मेरे पिता ने लगाकर दी थी मैं अपनी स्नातक की पढाई पूरी कर चुका था दोस्तों समय जब अपना चक्र चलाता है तो वही निर्धारण करता है कि आपका भविष्य क्या होने वाला है परन्तु आपको इसमें उलझना नही चाहिए चूंकि समय चक्र है इसलिए उसके स्थिर होने का तो प्रश्न ही नहीं उठता जैसे ही अनुकूल समय आपको अपना निर्धारण स्वयं करना चाहिए 16 दिसम्बर 2005 समय दोपहर के 2.00 बजे है उस समय दुकान पर costumers का आना जाना न के बराबर होता है क्योंकि लोग उस समय या तो अपने कार्यस्थल पर लंच कर रहे होते हैं या फिर आराम तभी एक लड़की आती है
लडकी - बाबूजी Cadbury देना
कितनी?
लडकी- 2
मैंने दो कैडबरी उस लडकी को दी और वह लडकी चलती बनी मैं उसके इस बर्ताव से अवाक् रह गया परन्तु उसे रोक भी नहीं सका या यू कहिये कि उसे टोकने की हिम्मत नहीं कर सका क्यौंकि उसका पहनावे और बोल चाल से यह तो निर्धारण हो चुका था कि वह किसी न किसी संभ्रांत परिवार से ताल्लुक रखती है और फिर मेरी दुकान एक कालानी के अन्दर थी तो उसे दुवारा भी वही आना था सो मै अपने काम पर लग गया दूसरे दिन उसी समय वहीं लड़की आती हैं
लडकी - बाबूजी Cadbury देना
कितनी?
लडकी- 2
मैंने दो कैडबरी निकाली परन्तु उसे दी नही और पूछा आपका नाम क्या है?
लडकी- क्या मतलब आपको क्या लेना? मैं सकपका गया
मेरे हाथ स्पर्श करते हुए कैडबरी लेकर वह चलती वनी मै जब तक मैं सदमे से वाहर आता वो जा चुकी थी आप सोच रहे होंगे सदमा सदमा किस बात का अरे यार मुझे इस बात की कोई आशा नही थी कि मेरे इतना पूछते ही वह नागिन की तरह फुफकारेगी इसी बात से मैं झेप सा गया था उसने जाते वक्त गली में मुडने से ठीक पहले
मेरी तरफ़ मुस्कराते हुए कटीली नज़र से देखा उसका यही देखना मुझे पता नहीं कुछ छू सा गया

बात उन दिनों की है जब मैं गुजरात के शहर सूरत में रहता था मेरे पिता सूरत में ठेकेदारी का काम करते थे मुझे सूरत में किराना की दुकान मेरे पिता ने लगाकर दी थी मैं अपनी स्नातक की पढाई पूरी कर चुका था दोस्तों समय जब अपना चक्र चलाता है तो वही निर्धारण करता है कि आपका भविष्य क्या होने वाला है परन्तु आपको इसमें उलझना नही चाहिए चूंकि समय चक्र है इसलिए उसके स्थिर होने का तो प्रश्न ही नहीं उठता जैसे ही अनुकूल समय आपको अपना निर्धारण स्वयं करना चाहिए 16 दिसम्बर 2005 समय दोपहर के 2.00 बजे है उस समय दुकान पर costumers का आना जाना न के बराबर होता है क्योंकि लोग उस समय या तो अपने कार्यस्थल पर लंच कर रहे होते हैं या फिर आराम तभी एक लड़की आती है
लडकी - बाबूजी Cadbury देना
कितनी?
लडकी- 2
मैंने दो कैडबरी उस लडकी को दी और वह लडकी चलती बनी मैं उसके इस बर्ताव से अवाक् रह गया परन्तु उसे रोक भी नहीं सका या यू कहिये कि उसे टोकने की हिम्मत नहीं कर सका क्यौंकि उसका पहनावे और बोल चाल से यह तो निर्धारण हो चुका था कि वह किसी न किसी संभ्रांत परिवार से ताल्लुक रखती है और फिर मेरी दुकान एक कालानी के अन्दर थी तो उसे दुवारा भी वही आना था सो मै अपने काम पर लग गया दूसरे दिन उसी समय वहीं लड़की आती हैं
लडकी - बाबूजी Cadbury देना
कितनी?
लडकी- 2
मैंने दो कैडबरी निकाली परन्तु उसे दी नही और पूछा आपका नाम क्या है?
लडकी- क्या मतलब आपको क्या लेना? मैं सकपका गया
मेरे हाथ स्पर्श करते हुए कैडबरी लेकर वह चलती वनी मै जब तक मैं सदमे से वाहर आता वो जा चुकी थी आप सोच रहे होंगे सदमा सदमा किस बात का अरे यार मुझे इस बात की कोई आशा नही थी कि मेरे इतना पूछते ही वह नागिन की तरह फुफकारेगी इसी बात से मैं झेप सा गया था उसने जाते वक्त गली में मुडने से ठीक पहले
मेरी तरफ़ मुस्कराते हुए कटीली नज़र से देखा उसका यही देखना मुझे पता नहीं कुछ छू सा गया
अगले दिन मैं उसका इंतजार करता रहा वह नहीं आई उसके अगले दिन भी वह नहीं आई मेरी बैचेनी लगातार उसके लिए वढती जा रही थी जहाँ भी मैं कोई अनजान लड़की देखता मुझे लगता कहीँ यह वही तो नहीं खैर दुकान का सामान पांडेसरा की एक दुकान से आता था मैं जीवन में कुछ और करना चाहता था उन दिनों गुजरात में एम्ब्रोडरी का google trend की तरह बडा ट्रेंड चल रहा था मेरी हमेशा से ट्रेंड के साथ चलने की रही है सो लगे हाथ मैंने भी एम्ब्रोडरी डिजाइन का कोर्स करना शुरू कर दिया मेरे पिता बचपन से लेकर आज तक हर फैसले में मेरे साथ रहते हैं सो मेरे निर्णय भी मैं स्वयं करने में सक्षम था और मैं निर्णय कर चुका था कि मुझे एम्ब्रोडरी डिजाइनर बनना है जैसे ही मै अपनी सीट पर बैठा मेरी नजर पास वाली कुर्सी पर पडी मैं मन ही मन चौंक पडा वो लडकी वही बैठी एम्ब्रोडरी डिजाइनर का कोर्स करने बैठी थी
अब तो मेरा निर्णय और भी पक्का हो गया कि एम्ब्रोडरी डिजाइनर का भविष्य स्वर्णिम है इसलिए नहीं मैं बैठते ही एम्ब्रोडरी सीख गया था और और मुझे किसी मल्टी नैशनल कम्पनी का आफर मिल गया था वह इसलिए कि वहा मुझे वह मिल गई थी जिसे मैं महीनों से तलाश कर रहा था मेरी हालत indian cricket team के उस खिलाड़ी की तरह थी जो टीम में शामिल होते ही पहली ही बाल में छक्का मार दे तभी आवाज आई किंजल किंजल नाम है मेरा गोपाल जी एक साथ दो दो surprise कमाल है ठीक 6 माह बाद मिलने वाली लडकी इस तरह से मिलेगी मैंने सोचा भी नहीं था पर एक बात तो तय थी कि जिसने मेरे नाम से मुझे इस तरह बुलाया मतलब उसके दिल में मैं जगह वना चुका था
यह एक आफर है जहाँ से आप दीपावली सेल में शामिल होकर बेहतरीन खरीद कर सकते हो
जिस किंजल की मै बात कर रहा हूँ वह कोई सामान्य लड़की नही थी बला सी खूबसूरती एवं प्रखर बुद्धि की धनी थी वो मै उसके पूर्व में किये गए व्यवहार को लेकर छुब्ध था तभी आवाज आई कहा खो गये जनाब मैं आपसे ही कह रही हूँ इस प्रकार की वेवाकी से किसी लडकी द्वारा मेरे से जीवन में पहली बार बात की गई थी

सो मैं अवाक् सा रह गया मैंने इधर उधर देखकर कहा जी..... कहिये वो मुस्कराई और वोली दोस्तों के बीच फारमलटी नही होती मैंने हडबडाते हुए पूछा दोस्त कौन दोस्त तभी वह अपनी सीट से खडी होकर आई और बोली अरे पगले तू और कौन और हंसने लगी..........लडकी.. आप यहाँ कैसे कौन मैं मैं तो एम्ब्रोडरी डिजाइनर का कोर्स कर रहा हूँ पर आप... वह हसते हुए बोली same hai क्या मतलब मैंने पूछा तो वह कुछ नहीं फिर मिलते है कहते हुए चली गयी मेरा रोम रोम प्रफ्फुलित हो रहा था 1 घंटे बाद हम सेण्टर से बहार आये कॉफ़ी पीते है उसने चहकते हुए कहा ...हम पास ही एक रेस्तरा में थे मैंने इत्मिनान से पूछा किंजल जी आपके पापा क्या करते है बोली आराम करते है फिलहाल तो हां पहले उनकी किंजल इंडस्ट्रीज के नाम से एक कंपनी चलती है ....... फिर मैंने पुचा और कौन कौन है मतलब ...आपके घर में माँ पापा और मै कॉफ़ी समाप्त होते ही वह चली गयी धीरे धीरे बातो का सिलसिला यु ही जारी रहा एक दिन अचानक उसने सूरत के समुद्री स्पॉट दुन्गास चलने के लिये कहा मैंने भी पता नहीं खुसी खुसी उसे हां कर दिया अगले ही दिन हम समुद्र की लहरों का पूर्ण आनंद लेने में मस्त थे सारा दिन मौज मस्ती और खाने पीने में इकल गया पता ही नहीं चला अँधेरा होने को था तो मैंने कहा चले वह वोली थिदी देर और रुकते है मुझे कुछ अजीव सी घबराहट होने लगी मैंने कुछ देर बाद मजबूती से घर चलने के लिये कहा तब जाकर वो राजी हुई हम समुद्र के किनारे बनी सड़क पर चलने लगे वो थोड़ी पीछे रुकी शायद उसके पैर में कुछ चुभ गया था जेसे ही हम झाड़ियो के पास आये अचानक एक ट्रक पूरी स्पीड के साथ आया और उसे टक्कर मार दी टक्कर इतनी भयानक थी की वह हवा में उड़ते हुए दूर झाड़ियो में जा गिरी मै घबरा गया और मदद के लिये पुकारने लगा पर कोई नहीं रुका मेने मदद के लिये पुलिस कण्ट्रोल को सूचना दी सुचना पर पुलिश पहुच चुकी थी इंस्पेक्टर ने मेरे तरफ घूरते हुए कहा कहा किसने फोन किया था किसका एक्सिडेंट हुआ मैंने घवराकर इंस्पेक्टर साहब को बताया की मेरी दोस्त थी और यहा से एक ट्रक ने उसे मेरी आँखों के सामने उडा दिया साहब उदा दिया वो कोई गुब्बारा थी क्या इंस्पेक्टर ने मजाकिया अंदाज में कहा मै गुस्से से आग बबूला हो गया आपको शर्म नहीं आती इंस्पेक्टर साहब यहाँ मेरी दोस्त का एक्सीडेंट हुआ है और आपको मजाक सूझ रहा है वो तड़प रही होगी प्लीज उसकी मदद करो कहकर में मै उधर भागा जहा उसे ट्रक ने उसे उछाला था तभी इंस्पेक्टर ने मुझे कालर से पकड़ते हुए कहा भागता कहा है डालो साले को गाड़ी में मजाक करने के लिये पुलिस ही मिली थी क्या कही शराब तो नहीं पी राखी है मै भोचक्का रह गया था आखिर पुलिश एसा केसे कर सकती है एक तरफ किंजल जिंदगी और मौत से जूझ रही है और दूसरी तरफ मदद करने के बजाय पुलिश मुझे गिरफ्तार कर रही है उसके बाद मैंने इंस्पेक्टर को धमकी दी की यदि आपने अभी अभी के अभी मुझे नहीं छोड़ा तो मै आपकी नौकरी खा जाऊंगा ने........................इंस्पेक्टर ने इतना सुनते ही मुझे जोरदार चांटा मारा और हंसकर बोला हलुआ है नौकरी खा जायेगा साले तस्करी के केस मै अन्दर डाल दूंगा सड़ते रहना जीवन भर उस दिन मुझे महसूस हुआ इंसान दरिंदगी की किस हद तक जा सकता है मै रोने
लगा मेरी............ किंजल ....................को........... बचालो........... sir .............और मैंने रोते हुए इंस्पेक्टर के पैर पकड़ लियेलेकिन इंस्पेक्टर किसी से फ़ोन पर बात करने में ब्यस्त था मेरी हालत पिंजरे में फसी उस चिड़िया की तरह थी जो बाकी साथियों को जाल में फ़साने से बचाने के लिये क्रंदन करती है तभी एक हैड कांस्टेबल बोला सर जिस प्रकार ये लड़का कह रहा है इसमें कुछ राज तो है सर तभी इंस्पेक्टर के मोबइल की घंटी बजी इंस्पेक्टर जी सर जी सर कर रहा था इंस्पेक्टर बोला रतनी .........गाड़ी वापस लो मेरी जान में जान आगई मै उस हेड कांस्टेबल के प्रति असीम कृतग्यता मह्सुश कर रहा था तभी गाडी पुनः उसी स्थान पर आकर रुकी मै गाडी से उतरकर बदहवास उस तरफ दौड़ा जहाँ किंजल थी पीछे पीछे पुलिस भी दौड़ रही थी की कही मै भाग न जाऊ जैसे ही मै वहा पहुंचा वहा बदबू आ रही थी और एक नर कंकाल पड़ा था मैंने उसे इग्नोर कर किंजल को तलाशना शुरू किया परन्तु किंजल वहा नहीं थी तभी जोरदार तमाचा मेरे गाल पर पड़ा अच्छा तो ये है कहानी पहले लड़की का मर्डर करता है और फिर कहानी गढकर पुलिस को गुमराह करना चाहता है तमाचा पडते ही जैसे मैं होश में आ गया था मैं रोड से दूर एक घने जंगल में था फिर किसने गाइड कर पुलिस वहा तक बुलबाया आखिर किंजल कहा गयी एवं जब रोड ही नही था तो एक्सीडेंट कैसे हो गया और भी बहुत कुछ तभी एक कानिस्टेवल चिललाया सर दो कंकाल और मिले दौड कर हम उधर गये इन्शपेक्टर ने तुरंत मुझे हथकड़ी लगायी और बोला और भी है या चले मैं मौन था तभी एक आवाज आई सर किसी का मोवाईल है इधर लाओ सर्च के बाद मुझे थाने लाकर जेल में बन्द कर दिया मुझे इससे कोई तकलीफ नही थी तकलीफ उन सवालों से थी जिनके जबाब मेरे पास नही थी तभी मोवाईल से प्राप्त वीडियो के आधार पर किंजल एवं उनके माता पिता की मौत साल भर पहले हुई थी उनके असली कातिल पकडे़ गए मुझे छोड़ दिया गया परन्तु मैं बडबडा रहा था कौन थी वो
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